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विश्वविख्यात बोलशोई थिएटर, मॉस्को, रूस

विश्वविख्यात बोलशोई थिएटर, मॉस्को, रूस

Address: Theatre Square, 1, Moskva, Russia, 125009
Opened: 20 October 1856
Architectural style: Neoclassical architecture
Phone: +7 495 455-55-55
Director: Yury Grigorovich
Architects: Alberto Cavos, Joseph Bové, Andrei Mikhailov
Did you know: By the 1960s the Bolshoi Ballet was one of the world’s foremost ballet companies.

चाहे आम पर्यटक हो या किसी देश का सर्वोच्च नेता, मास्को आने वालों को सफर को अधूरा माना जाएगा यदि वे बोलशोई थिएटर को न देख सकें। अपने नाम के अनुरूप ही यह थिएटर हमेशा बड़े विवादों के केंद्र में रहा है।

रूस की राजधानी मॉस्को के लाल चौक तथा क्रैमलिन के करीब स्थित दूधिया रंग की एक विशाल इमारत है – बोलशोई थिएटर। इस विस्वविख्यात थिएटर की बाहरी वास्तुकला से लेकर भीतरी साज-सज्जा भी बेहद शानदार तथा वैभवपूर्ण प्रतीत होता है।

बैले डांसरों की कड़ी मेहनत:

इस थिएटर कम्पनी के 3 हजार कर्मचारियों में से 200 डांसर हैं। अनेक रुसी लड़कियां तथा लड़के मॉस्को स्टेट एकैडमी ऑफ कोरियोग्राफी में दाखिला पाने का सपना देखते हैं। इसी अकादमी से सीखे हुए अधिकतर युवा बोलशोई बैले डांसर बनते हैं। इस थिएटर का डांसर बनने का अर्थ है कि अगले 20 वर्षो तक कठिन शारीरिक परिश्रम के लिए वे कमर कस लें। रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की विदेश यात्राओं में उनकी सांस्कृतिक मंडली में ये नर्तक भी जाते हैं।

अच्छे डांसर 35 या 38 की उम्र तक रिटायर होते हैं। उनके शरीर इससे ज्यादा मेहनत सह नहीं सकते हैं। भारी मानसिक दबाव से भी इस दौरान उनका सामना होता है।

थिएटर की 25 वर्षीय एक नर्तकी बैलेरिना डार्या कहती हैं, “कभी मेरी पैरों की उंगलियां दर्द करती हैं, तो कभी पूरा बदन परंतु बोलशोई में डांस कर सकती हूं क्योंकि हर तरह की मेहनत इसके योग्य है”।

लीड पार्ट या सोलो डांस का अवसर हासिल करने की अपेक्षा में डार्या प्रतिदिन कड़ी मेहनत करती है। इस डांस में जरा-सी गलती से लगी गहरी चोट किसी के भी ऊपर उठते करियर को हमेशा के लिए खत्म कर सकती है। डार्या के अनुसार, वक्त के साथ आपका शरीर दर्द का आदी हो जाता है।

विवादों का साथ:

‘बोलाशोई’ का रुसी भाषा में अर्थ ‘बड़ा’ होता है और अपने नाम के अनुरूप ही यह थिएटर बड़े विवादों के केंद्र में रहा है।

2013 में इसके एक प्रमुख डांसर को तत्कालीन कला निदेशक पर एसिड अटैक करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस अपराध के लिए उसे 6 साल की कैद की सजा दी गई।

इस वर्ष सितम्बर में जब बोलशोई थियटर 242वें सीजन के लिए खोला गया तो इसके जनरल डायरैक्टर व्लादिमीर यूरिन ने एक बार फिर ओपेरा तथा बैले डांसरों तथा अन्य कर्मचारियों के साथ सभा करके सभी को आने वाले शोज पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।

जुलाई में इसके गत सीजन की समाप्ती के करीब व्लादिमीर ने अंतिम समय में ‘नुरेयेव’ नामक बैले शो को रद्द करके पुरे बैले जगत को हैरान कर दिया था। यह बैले शो डांसर रूडोल्फ नूरेयेव के जीवन पर आधारित था। डायरैक्टर का कहना था कि यह बैले शो पूरी तरह से तैयार नहीं था। बाद में इसके डायरैक्टर किरिलसेरेब्रेन्नीकोव  को सरकारी फंड्स में हेराफेरी के आरोप में नजरबंद कर दिया गया था।

मॉस्को में कई जानकारों को लगता है कि बैले की थीम की वजह से इसे रद्द किया गया। दरअसल, नुरेयेव समलैंगिक था।

दूसरी ओर किरिल को ऐसे शोज के लिए जाना जाता है, जो सरकार की रुढ़िवादी सोच के विरुद्द जाते हैं। वह कला पर सरकारी दबाव का भी आलोचक रहा है।

हालांकि, सितम्बर में व्लादिमीर यूरिन ने घोषणा की थी कि नुरेयेव बैले का प्रदर्शन किरिल के बिना 9 तथा 10 दिसम्बर को किया जाएगा।

इन सभी विवादों के चलते बोलशोई ओपेरा के कुशल नर्तक-नर्तकियों पर कम ही ध्यान दिया गया, जिसका कई डांसरों को हमेशा मलाल रहता है।

निर्माण तथा जीर्णोद्धार:

इस थिएटर की स्थापना 1776 में महारानी कैथरीन द ग्रेट ने की थी। वर्तमान इमारत का उदघाटन 1856 में जार एलैग्जैन्डर  द्वितीय की ताजपोशी के दिन हुआ था। चूंकि उस इमारत का निर्माण जल्दबाजी में दलदली जमीन पर कर दिया गया था, कुछ दशकों में ही इसमें दरारें उभर आई थीं। इसके गिरनेका खतरा था। लम्बे इंतजार के बद 2005 में इसका जीर्णोद्धार शुरू हो सका। 2008 तक यह काम पूरा होने की अपेक्षा थी, परंतु घोटालों तथा विवादों के चलते इसमें देरी होती गई। अंततः 1 अरब डॉलर के भारी-भरकम खर्च से 2011 में इसे इसका वैभव लौटाते हुए खोल दिया गया।

बोलशोई थिएटर की मुख्य इमारत साथ लगती 4 इमारतों से पुलों तथा भूमिगत मार्गों से जुड़ी है। थिएटर को इमारत की 7 मंजिलें दिखाई देती हैं, परंतु इसमें 5 भूमिगत मंजिलें भी हैं। इसके कुछ हिस्सों में कर्मचारियों के जाने की पाबंदी है।

कुछ कमरे केवल सरकार के सदस्यों तथा विशिष्ट विदेशी मेहमानों के लिए हैं। कहा जाता है कि इन कमरों में मलमल वाले एंटिक फर्नीचर सजे हैं। इनमें से कुछ अंतिम जार निकोलस जिस बाक्स से नृत्य नाटिकाएं देखा करता था, आज वहीं राष्ट्रपति पुनीत अपने मेहमानों के साथ बैठ कर शो का आनंद लेते हैं।

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