Thursday , April 25 2024
विनाश की और बढ़ रही है लोकप्रिय हालोंग की खाड़ी

विनाश की और बढ़ रही है लोकप्रिय हालोंग की खाड़ी

1990 के दशक के बाद विदेशी पर्यटकों ने यहां बड़ी संख्या में आना शुरू कर दिया। खाड़ी के साथ लगते इलाके में तब तक कोयले का खनन भी बड़े स्तर पर शुरू हो चुका था।

2000 टापुओं वाली हालोंग खाड़ी वियतनाम के प्रमुख शहरों के बाद सबसे ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करती है। खास बात है कि यह खाड़ी यूनैस्को के विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। प्रतिदिन करीब 10 हजार पर्यटक यहां आते हैं।

वनस्पति से भरी इसकी चूनापत्थर की ऊंची नीची चोटियां पानी में भूलभुलैया-सी बनती हैं, जो पर्यटकों को चकित करती रही हैं।

दूर से तो सारा इलाका चमचमाता दिखाई देता है परंतु पानी के निचे यहां एक पर्यावरणीय विनाश छुपा है। यह एक ऐसी आपदा है जिसकी एक हद क्षतिपूर्ति भी नहीं हो सकती है।

हालोंग खाड़ी की समुद्री पारिस्थितिकी बर्बाद हो रही है। यहां मूंगा, तल की समुद्री घास तथा मैंग्रोव पेड़ सभी नष्ट या खराब हो चुके हैं।

1990 में आर्थिक सुधारों के बाद पर्यटकों के लिए देश के दरवाजे खोलने से पहले तक हालोंग खाड़ी अछूती थी।

वियतनाम युद्ध तथा 1980 के दशक में चीन से दूरियां बढने पर इस खाड़ी को मुख्यतः मछुआरे तथा सिपाही इस्तेमाल करते थे। इसकी चोटियों पर तोपें तथा विमानरोध बंदूकें तैनात थीं।

परंतु 1990 के दशक के बाद विदेशी पर्यटकों ने यहां बड़ी संख्या में आना शुरू कर दिया। खाड़ी के साथ लगते इलाके में तब तक कोयले का खनन भी बड़े स्तर पर शुरू हो चुका था।

फलस्वरूप बड़ी संख्या में खाड़ी में आने वाली नौकाओं से तेल की नियमित लीकेज तथा अन्य गंदगी समुद्र में जाने लगी। कोयले की खदानों से निकलने वाले व्यर्थ पदार्थों ने भी खाड़ी को अत्यधिक दूषित कर दिया।

1990 में समुद्र में सुन्दर मूंगा चट्टानें दिखाई देती थीं। साफ पानी में उनके बीच तैरती सुंदर मछलियां आम थीं। आज यह सब नदारद है।

इसके इलाके के संरक्षण के लिए बनाए गए सख्त नियम भी अब यहां पर्यावरण को हो चुके नुकसान की भरपाई नहीं कर सकते हैं। इस पर से भी नौकाओं से होने वाली ईंधन की लीकेज को पूरी तरह से बंद करना सम्भव नहीं हो सका है।

एक तो इसका आसानी से पता नहीं चलता है और दूसरा प्रशासन के पास इतना स्टाफ नहीं है कि प्रतिदिन खाड़ी में सक्रिय रहने वाली 500 से ज्यादा मोटरबोट्स की जांच तथा निगरानी की जा सके। नौकाओं के लिए नियम तय हैं कि वे शौच तथा अन्य कूड़ा समुद्र में नहीं गिरा सकते हैं। उन्हें बंदरगाह पर अपने सैप्टिक टैंक साफ करवाने चाहिएं, परंतु अधिकतर नौका चालक टैंक साफ करने के लिए ली जाने वाली 50 डॉलर फीस अदा नहीं करना चाहते हैं।

खदानों से होने वाली लीकेज को रोकने के लिए भी पुख्ता बंदोबस्त नहीं किए जा सके हैं। चूंकि हालोंग खाड़ी का स्तर निचा है, सभी प्रकार के विषैले तत्व तथा गारा आदि यहीं आकर जमा होता रहता है।

हालात यह हैं कि तट के करीब जलस्तर कम होने पर समुद्री पानी एकदम मटमैला-सा दिखाई देता है और वहां पानी में उतरने पर भी इसी वजह से पाबंदी है। ज्वारभाटा आने पर एवं जलस्तर बढने पर समुद्र कुछ साफ दिखाई देने लगता है।

Check Also

Jamshedpur: History, How To Reach, Tourist Places, Shopping

Jamshedpur: History, How To Reach, Tourist Places, Shopping

Jamshedpur, aka Tatanagar is a city located in the state of Jharkhand, India. Sometimes even …